आगराः दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के कई इलाकों में जबरदस्त धूल भरी आंधी चलना जारी है। दिल्ली और आस पास के शहरों में भारी नुकसान हुआ है। आंधी और बारिश से दिल्ली में 5, यूपी में 12 और आंध्र प्रदेश में 7 लोगों के मौत की खबर है। शहर के आसपास के क्षेत्रों में धूल भरी आंधी के बाद बारिश के साथ ओले गिरने शुरू हो गए। रविवार शाम करीब पांच बजे से आसमान में अचानक बादल छाने लगे।
हांलाकि मौसम के बदलाव ने भीषण गर्मी से थोड़ी राहत दी। धूल भरी आंधी चलने के साथ लोगों में तूफान की आशंका को लेकर दहशत भी बैठ गई। मौसम विभाग द्वारा आज और कल तूफान की चेतावनी जारी की हुई है। इसे देखते हुए लोगों ने खास सावधानी बरती।
फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, मथुरा के सुरीर क्षेत्र, फतेहाबाद के गांव तिवाहा में बारिश के साथ ओले गिरे। मैनपुरी के करहल में बारिश ने गर्मी से थोड़ी राहत दी। रविवार को सुबह से तापमान 44 डिग्री सेल्सियस था। वहीं शनिवार को तापमान 45 डिग्री सेल्सियस था।
अगले 2-3 दिन तक मौसम खराब रहेगा
मौसम विभाग के वैज्ञानिक चरन सिंह के मुताबिक, उत्तर पश्चिम भारत में अगले 48 से 72 घंटों तक मौसम खराब रहने का आशंका है. यानी कि अगले 2-3 दिन में फिर तेज धूल भरी आंधी चल सकती है और बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे गढ़वाल और कुमाऊं के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। यहां तूफान आने की आशंका है। इतना ही नहीं तूफान के साथ-साथ आज शाम तक ओलावृष्टि भी हो सकती है।
There is a circulation of a western disturbance in North West India. We had forecasted that the weather will be adverse for 2-3 days. This thunderstorm will continue for the next 48 to 72 hours: Charan Singh, Scientist, Indian Meteorological Department on weather change in #Delhi pic.twitter.com/BKjoFHfn5e
— ANI (@ANI) May 13, 2018
बता दें, राज्य के कई हिस्सों में इस हफ्ते आये आंधी-तूफान में 18 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 27 घायल हो गए थे. पांच राज्यों में पिछले सप्ताह आए आंधी-तूफान में 134 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान के कारण 80 लोगों की मौत हो गई थी. सबसे ज्यादा तबाही आगरा में हुई थी.
तेज धूप झुलसा रही थी। शाम को अचानक बदले मौसम के कारण शहरवासियों ने राहत महसूस की। इस बीच तूफान की आशंका को लेकर भी लोग आशंकित रहे। 11 अप्रैल और दो मई को आये तूफान की यादें मौसम बदलने के साथ ताजा हो जाती हैं।